फंक्शनल या फैंसी डस्टबिंस की ज़रूरत

दिल्ली में कचरा प्रबंधन को दुरुस्त करने के लिए दिल्ली सरकार अपने स्तर पर काम कर रही है। इसके लिए ‘ज़ीरो वेस्ट कॉलोनी’ जैसे तमाम तरह के उपाय किए जा रहे हैं। लेकिन कचरा प्रबंधन में सबसे बड़ी चुनौती कचरा एकत्रित करने की है। यूएनईपी की एक रिपोर्ट के अनुसार- भारत का 40% कचरा एकत्रित न होकर जहां-तहां कूड़े के रूप में पड़ा रहता है।

प्रबंधन के स्तर पर समस्या है ही लेकिन इस संदर्भ में एक जो बुनियादी ज़रूरत है कि हर जगह पर, विशेषकर भीड़-भाड़ वाले सार्वजनिक स्थानों पर, बस स्टॉप, पार्क और मार्केट जैसी जगहों पर कूड़ेदान हो जिसका इस्तेमाल लोग कर सकें बजाय इसके कि कूड़ा इधर-उधर कहीं भी फेंक दिया जाए।

दिल्ली में कुछ जगहों को छोड़ दें तो अधिकतर जगहों पर कूड़ेदान की सही व्यवस्था नहीं है या अगर है तो लोग उसका ठीक से इस्तेमाल नहीं करते। कूड़ेदान बहुत गंदे, उल्टे किए या फिर टूटी-फूटी अवस्था में हैं।

लेकिन कई जगह ऐसे कूड़ेदान हैं को अपना फंक्शनल परपस यानी कि कार्यकारी उद्देश्य पूरा करने में ही असमर्थ है। क्योंकि अच्छा इलाका या अच्छी जगह सोचकर ज़्यादा फैंसी डस्टबिंस लगाने का क्या उद्देश्य जब उसमें कूड़ा डालने कर वापस बाहर आ जाए? ऐसे कूड़ेदान का होना न होना बराबर ही है। ऐसे में दिल्ली सरकार को इस ओर विशेष ध्यान देना चाहिए और हर जगह अपेक्षित व्यवस्था की जानी चाहिए।

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