राजधानी दिल्ली के दिल में छुपा एक महल जो अपनी गुमनामी में नाम कमा रहा है। कहानी 'मालचा महल' की है। मालचा महल जो दिल्ली ही नहीं, भारत की सबसे डरावनी जगहों में शुमार है। इसके भूतिया होने को लेकर तरह-तरह की कहानियाँ हैं। पर आश्चर्य है कि अधिकतर लोग इसके बारे में जानते ही नहीं।
चाणक्यपुरी इलाके में सुनसान घने जंगलों के बीचोंबीच स्थित 'मालचा महल' आज खण्डर में तब्दील हो चुका है। एक शाही महल के खण्डर होने की कहानी जितनी दिलचस्प है उससे कहीं ज़्यादा रहस्यमयी है।
तुग़लक़ वंश के शासन काल में निर्मित इस जगह के तार कैसे अवध के राजपरिवार से जुड़ते हैं और देर-सवेर इसका सम्बन्ध इन्दिरा गाँधी से भी हैं। इसके बावजूद ये जगह लोगों की नज़रों से बची रही।
दिल्ली के शासक फ़िरोज़ शाह तुग़लक़ शिकार खेलने का शौकीन था। उसने तब दिल्ली के घने जंगलों में तीन शिकारगाह तैयार करवाया- ‘पीर ग़ालिब’, ‘भूली भटियारी का महल’ और ‘मालचा महल’। मज़ेदार बात तो ये है कि इन तीनों शिकारगाह को लेकर डरावनी किस्से-कहानियाॅं प्रसिद्ध हैं जिसके कारण इनको भूतिया माना जाता है।
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